हमारे ज़्यादातर बीमारियों का मूल कारण हमारे बॉडी में जमा होने वाले टॉक्सिक डिपॉज़िट हैं जैसे - हानिकारक कोलेस्ट्रॉल डिपॉज़िट, ऑक्जेलेट डिपॉज़िट, लिपिड व फ़ैट डिपॉज़िट इत्यादि। डॉ पीयूष सक्सेना के क्लिनजिंग थेरेपी के माध्यम से आपका फुल-बॉडी डिटॉक्स होता है और आपके मास्टर ऑर्गन (लीवर) की क्लिनजिंग होती है - जिससे आप अपने शरीर के सारे टॉक्सिन्स को बिल्कुल नैचुरल तरीक़े से बाहर निकाल फेंकते हैं।
गुर्दे की पथरी वो ठोस संरचनाएँ हैं जो खनिज, लवण व ओग्सलेट के डिपॉज़िट से बनते हैं। पथरी के लिए किडनी या गुर्दे फ़र्स्ट टार्गेट तो हैं ही साथ ही साथ, इन पथरियों का जमाव मूत्र-पथ और मूत्राशय को भी प्रभावित कर सकते हैं।
और यदि सही समय पर इसे नहीं सम्भाला गया तो ये बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है एवं आपको असहनीय दर्द और वेदना में डाल सकता है। गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी है जो उम्र की परवाह किए बिना पुरुषों और महिलाओं दोनों में हो सकती है।
क्या आप भी परेशान हैं गॉल-ब्लाडर या किडनी स्टोन से ? क्या आप भी उस असहनीय दर्द और पीड़ा को झेलने के लिए मजबूर हैं? क्या सारे परहेज़ और इलाज़ के बाद अब आप कनफ़्यूज हैं ? और सर्जरी की सम्भावना से डर रहे हैं ? ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
मोटापा ही आज के समय में ज़्यादातर बीमारियों का मूल कारण है। मोटापा से उच्च रक्तचाप और अस्वास्थ्यकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर की अधिक संभावना बनती है, जो हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे ख़तरे पैदा करता है। डाइबीटीज़, जोड़ों का दर्द, अस्वस्थ लिवर, स्लीप ऐपनिया और कुछ ख़ास कैंसर भी मोटापा की वजह से हो सकते हैं।
मोटापा एक लाइफ़स्टाइल और मेटाबोलिज्म संबंधी विकार है और हम इसके कारण का इलाज करने और इसे जड़ से खत्म करने में विश्वास करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, हमारा शरीर अपने स्वयं के टॉक्सिक पदार्थों को खत्म कर देता है। लेकिन जब हम अस्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाकर अपने शरीर का दुरुपयोग करते हैं, तो हमारा शरीर ऐसा करने में विफल हो जाता है।
ऐसी स्थिति में, हमारे सिस्टम को वापस व्यवस्थित करने के लिए शरीर से टॉक्सिक डिपॉज़िट को बाहर निकालने के लिए ‘क्लींजिंग थेरेपी’ अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप भी ओवर-वेट या ओबेस हैं ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
जोड़ों का दर्द और सूजन शरीर के किसी भी ज्वाइंट को प्रभावित कर सकता है और अक्सर स्टिफनेस और वेदना के साथ होता है। आमतौर पर, जोड़ों के दर्द में घुटने का दर्द, कंधे या गर्दन का दर्द, कोहनी और कुल्हे का दर्द शामिल होता है।
जोड़ों में दर्द एक ऐसी समस्या है, जिसका प्रभाव अक्सर बढ़ती उम्र के साथ देखा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ, शरीर में कई बदलाव आते हैं, और हड्डियों और जोड़ों का कमजोर होना उनमें से एक है। लेकिन अब तो ख़ास कर कोविड के बाद, युवा वयस्कों में भी अब जोड़ों के दर्द के भरपूर मामले सामने आ रहे हैं।
क्या आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान हैं? क्या जोड़ों के इस दर्द ने आपको अपंग जैसा बना दिया है और आप अक्षम महसूस करने लगे हैं?
क्या अब कोई तेल, मलहम या मेडिसिन काम नहीं कर रही और ये सब आपको केवल अस्थाई समाधान दे रहे हैं? ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है। रुकावट आमतौर पर हृदय की (कोरोनरी) धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के बिल्ड-अप के कारण होती है। पूरी तरह से अवरुद्ध कोरोनरी धमनी दिल के दौरे का कारण बनेगी।
आज के समय में हार्ट अटैक के केस काफी बढ़ रहे हैं. कम उम्र में ही लोगों को दिल का दौरा पड़ रहा है। और उसका कारण है - लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतों में बेहिसाब इज़ाफ़ा।
हाई कोलेट्रोल, हाई बीपी या मोटापे से ग्रस्त लोग, डाइबीटीज़ के मरीज़, तंबाखु सेवन करने वाले, सेडेंट्री लाइफ़स्टाइल वाले लोग और वो लोग जिनका पारिवारिक इतिहास है – को हार्ट अटैक का ख़तरा ज़्यादा है।
क्लिनजिंग थेरापी आपको दे सकता है हार्ट अटैक से प्रिवेन्शन और प्रोटेक्सन क्योंकि लिवर क्लिंज करने के बाद आपकी ऑर्टरीज़ नैचुरल तरीक़े से क्लीयर हो सकती है ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
40 वर्ष की उम्र के बाद अक्सर महिलाओं में कुछ ना कुछ गायनिक प्रॉब्लम होती ही है। इस समस्याओं में सबसे ज्यादा वो परेशानियां आती हैं, जो कि महिलाओं के पेल्विक हेल्थ, वजाइनल हेल्थ और यूटरेस के हेल्थ से जुड़ी होती हैं।
ओवेरियन सिस्ट, पेल्विक पेन, एंडोमेट्रियोसिस, यूटरिन फाइब्रॉयड, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, वॉल्वा और वजाइनल स्किन डिसॉर्डर, योनि में संक्रमण, हैवी मेंस्ट्रूअल ब्लीडिंग, मेंस्ट्रूअल पेन इत्यादि ऐसी ही कुछ गायनिक समस्याएँ है।
आँकड़ों के अनुसार – भारत में हर चार में से तीन महिला गर्भाशय की किसी न किसी समस्या से ग्रस्त होती है। लेकिन अधिकांश महिलाओं को इसका पता ही नहीं चलता क्योंकि केवल १०% महिलाओं में ही इसके असामान्यता के लक्षण दिखाई देते हैं। क़रीब ७०% महिलाएँ फाइब्रॉइड से पीड़ित हैं और कभी-कभी इन ट्यूमर्स में कैंसर-ग्रस्त कोशिकाएँ भी विकसित हो जाती हैं।
गायनिक क्लिनजिंग थेरापी से क़रीब ९०% ऐसी समयाओं का पूर्ण निराकरण सम्भव है और वो भी बिना किसी बड़े खर्चे या महँगी दवाइयों के, बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के ... बिल्कुल नैचुरल क्लिनजिंग से। तो क्या आप भी परेशान हैं किसी गायनिक समस्या से या फिर चाहते हैं प्रिवेन्शन ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
क्या आप हर समय थकान महसूस करते हैं? क्या आप कुछ सीढ़ियाँ चढ़ कर हाँफने लगते हैं? क्या शाम होने तक आपकी बैटरी लो बताने लगती है? क्या आप स्टैमिना कम होती जा रही है? … तो आप अकेले नहीं हैं।
रोजमर्रा के कामों के लिए शरीर में एनर्जी होना बहुत जरूरी है। लेकिन, आजकल की भागदौड़ भरी जीवनशैली में थकान और कमजोरी होना लाजमी है। महिलाऐं ही नहीं, पुरुष भी शारीरिक कमजोरी और थकान की शिकायत करते हैं। पुरुषों में लो एनर्जी के कारण उनकी सेक्सुअल लाइफ भी प्रभावित हो सकती है।
भाग-दौड़ भारी ज़िंदगी, अच्छी नींद का अभाव, तनाव, प्रदूषण, पैरसाइट, शरीर में जमा टॉक्सिन, प्रकृति के नियमों के ख़िलाफ़ चलना ये वो तमाम कारण हैं जो आपकी बैटरी डाउन कर देते हैं और आप अपने आप को ऊर्जावान महसूस नहीं करते। और फिर यह आपके लो-स्टैमिना व कमजोरी का कारण बनता है।
अगर इन टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकाल दिया जाए तो आपके शरीर के अंग सही ढंग से काम करना शुरू कर देंगे और आप तारो-ताज़ा व एनर्जेटिक महसूस करने लगेंगे। लिवर क्लिंज से आप अपनी पाँच साल पहले जैसी एनर्जी को फिर से वापस पा सकते हैं। ... तो आइए वेल्दीलाइफ़ के क्लिनजिंग थेरापी कैम्प में।
हमारे ज़्यादातर बीमारियों का मूल कारण हमारे बॉडी में जमा होने वाले टॉक्सिक डिपॉज़िट हैं जैसे - हानिकारक कोलेस्ट्रॉल डिपॉज़िट, ऑक्जेलेट डिपॉज़िट, लिपिड व फ़ैट डिपॉज़िट इत्यादि। डॉ पीयूष सक्सेना के क्लिनजिंग थेरेपी के माध्यम से आपका फुल-बॉडी डिटॉक्स होता है और आपके मास्टर ऑर्गन (लीवर) की क्लिनजिंग होती है - जिससे आप अपने शरीर के सारे टॉक्सिन्स को बिल्कुल नैचुरल तरीक़े से बाहर निकाल फेंकते हैं।
Amazing results! My kidney stone was gayab as I checked post camp. Thanks to experts.
I was hesitating first, but this gynec cleansing worked ! Cramps are gone & menstrual cycle is normal
After attending this camp, my acidity is completely gone, earlier I even hesitated to eat home cook food.
Pollution affected so much in my breathing. Lungs cleansing was so effective in breathlessness.
Lost so much money earlier. But after this Liver cleansing I am free from digestive issues, pain & discomfort.
It was difficult to climb even 1st floor, thanks to Cleansing camp. Superb result on energy or stamina.
क्लिंजिंग थेरापी के प्रणेता डॉ पीयूष सक्सेना बढ़ते प्रदूषण, पैरासाइट और बिगड़ी लाइफ़स्टाइल को तमाम बीमारियों का जड़ मानते हैं। इनके चलते शरीर में टॉक्सिन्स जमा होते रहते हैं जिससे शरीर के अंग ठीक से काम नहीं कर पाते और हम बीमार हो जाते हैं। अगर इन टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकल दिया जाए तो लगभग ९०% स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज हो जाता है। शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकल फेंकने की ये प्रक्रिया क्लिंजिंग थेरापी है।
क्लिंजिंग थेरेपी एक वैकल्पिक उपचार और क्लिंजिंग टेक्नीक है जो डॉ. पीयूष सक्सेना के 20 वर्षों के शोध और सफल परीक्षणों के बाद आज लाखों लोगों के लिए स्वस्थ ज़िंदगी जीने का एक आधार बन गया है।
इस क्लींजिंग थेरेपी, विशेष रूप से लिवर क्लीन्ज़ का पालन करके, सभी स्वास्थ्य समस्याओं में से 90% को बड़े आराम से हल किया जा सकता है वो भी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के।
Bhagwanpur, Varanasi, Uttar Pradesh 221005
9th November to 11th November 2024
Check-in 9th Nov. by 10am and Checkout on 11th Nov. at 12.30pm
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